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जल बिना जीवन नहीं, गुरु बिना नहीं है ज्ञान-श्री कुलदीप चौधरी

स्वामी नागेंद्र ब्रह्मचारी जी- भारत में गुरु और शिष्य की परंपरा आज से नहीं बल्कि श्रष्टि के सृजन के समय से है। भगवान शिव को सब गुरुओं का गुरु माना जाता है। उन्होंने ही सर्वप्रथम सप्त ऋषियों को गुरु पूर्णिमा के ही दिन ज्ञान दिया था। भारत का इतिहास गुरु और शिष्य परंपरा से भरा पड़ा है। जिसे आज भी पढ़कर लोगों को प्रेरणा मिलती है।

स्वामी बिपनानंद जी- हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का बहुत बड़ा महत्व है. यह दिन गुरुओं को समर्पित है. इस दिन गुरुओं की पूजा करने और उनका आशीर्वाद लेने से बहुत लाभ मिलता है. गुरु पूर्णिमा आषाढ़ पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. दरअसल, महर्षि वेद व्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा के दिन हुआ था और उन्हें दुनिया के पहले गुरु का दर्जा दिया गया

 

इसी पावन अवसर पर अपने आराध्य गुरु को याद करते हुए और उनका आशीर्वाद और जनकल्याण की सुख समृद्धि के लिए आज इस पावन पर्व पर प्रसाद वितरण करते हुए श्री प्राचीन सिद्धेश्वर शिव मंदिर जगजीतपुर संचालक कुलदीप सिंह और उनकी पत्नी एडवोकेट रजनी वालिया और उनके परिवार ने श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में सभी गांव वासियो और साधु-संतो के साथ प्रसाद वितरण किया और साथ ही साथ सभी के अच्छे स्वास्थ्य और सभी के परिवार में खुशहाली की मनोकामनाए की

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