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संतों ने दी ब्रह्मलीन स्वामी वेदव्यासानंद एवं स्वामी शांतानंद को श्रद्धांजलि

महान पुण्यात्मा थे ब्रह्मलीन स्वामी वेदव्यासानंद एवं स्वामी शांतानंद-स्वामी आदियोगी

ऋषिकेश स्वर्गाश्रम स्थित गीता आश्रम के संस्थापक एवं निंरजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन स्वामी वेदव्यासानंद एवं उनके परम शिष्य ब्रह्मलीन स्वामी शांतानंद को संत समाज ने श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए स्वामी आदियोगी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी वेदव्यासानंद महाराज एवं ब्रह्मलीन स्वामी शांतानंद महाराज महान पुण्य आत्मा थे। सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में दोनों संतों का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।

सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज व भारत माता मंदिर के महंत एवं निंरजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी वेदव्यासानंद महाराज एवं ब्रह्मलीन स्वामी शांतानंद महाराज संत समाज के प्ररेणा स्रोत थे। समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म व अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करने में दोनों ब्रह्मलीन संतों का अहम योगदान रहा। उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए राष्ट्र कल्याण में योगदान का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।

महंत रघुवीर दास, महंत सूरज दास, स्वामी शिवानंद भारती, महंत दर्शन भारती, स्वामी चिदविलासानंद, स्वामी अनंतानंद, आश्रम के प्रबंधक भानू मित्र, समाजसेवी प्रदीप शर्मा ने भी ब्रह्मलीन स्वामी वेदव्यासानंद एवं ब्रह्मलीन स्वामी शांतानंद को श्रद्धांजलि अर्पित की।

 

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