
संत समाज की उपस्थिति में गंगा में विसर्जित की गयी ब्रह्मलीन महंत प्रेमदास महाराज की अस्थियां
महान और दिव्य संत थे ब्रह्मलीन महंत प्रेमदास-स्वामी अयोध्याचार्य
हरिद्वार, 11 अगस्त। पौराणिक नीलेश्वर महादेव मंदिर के महंत ब्रह्मलीन प्रेमदास महाराज की अस्थियां संत समाज की मौजूदगी में पूरे विधि विधान से कनखल स्थित सती घाट पर गंगा में विसर्जित की गयी। ब्रह्मलीन महंत प्रेमदास महाराज के शिष्य स्वामी हरिदास महाराज ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच अस्थि कलश को गंगा में प्रवाहित किया। पुरोहित पंकज दास व प्रदीप ने अस्थि विसर्जन संपन्न कराया। गंगा में विसर्जन से पूर्व संत समाज ने अस्थि कलश पर श्रद्धासुमन अर्पित कर ब्रह्मलीन महंत प्रेमदास महाराज को नमन किया। जगद्गुरू स्वामी अयोध्याचार्य महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत प्रेमदास महाराज महान और दिव्य संत थे। श्रीमहंत विष्णुदास महाराज ने कहा कि धर्म शास्त्रों के विलक्षण विद्वान महंत प्रेमदास महाराज का ब्रह्मलीन होना संत समाज व सनातन जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है। मां गंगा उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे। निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज व सचिव महंत देवेंद्र सिंह महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत प्रेमदास महाराज विद्वान संत थे। धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। इस दौरान बाबा हठयोगी, महंत दुर्गादास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत गोविंददास, महंत प्रेमदास, महंत प्रमोद दास, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण, महंत प्रह्लाद दास, महंत नारायण दास पटवारी, महंत सूरज दास, समाजसेवी प्रमोद शर्मा, विमल चैधरी आदि मौजूद रहे